नींद नहीं आने के कारण और समाधान Causes and solutions for not sleeping
अच्छी नींद का होना सेहत के लिए बहुत ही आवश्यक है। शरीर का स्वस्थ रहने में नींद का पूरा होना बहुत ही मत्वपूर्ण है। प्रत्येक व्यक्ति को 8 घण्टा पूरी तरह नींद लेना जरूरी है। अगर कोई व्यक्ति 8 घण्टा सोता है लेकिन वो 8 घण्टे के नींद में कई बार बीच बीच मे जगता है तोह यह पूरी तरह नींद का कोर्स नहीं होगा। कोई व्यक्ति यदि एक दिन में 5 घण्टा नींद ले तो यह बॉडी को रिलैक्स करता है।
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Causes and solutions for not sleeping |
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आज की वर्तमान स्थिति को देखा जाय तो इनके विपरीत कार्य हो रहे है, लोगो को अच्छी नींद आना सम्भावनाओ की बात हो गयी है। इसके कारण आपके शरीर मे दर्द, आंखों का लाल पढ़ना, अनपचन होना, गुस्सा आना, किसी काम मे मन नही लगना, चिड़चिड़ापन का होना जैसे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है।
एक स्वस्थ और अच्छी नींद लेना इतना मुश्किल और समस्याओं से भरी क्यों होता जा रहा है। लोग रात में 2-3 बजे तक क्यो सो नहीं पा रहे इतनी देर बिस्तर में लेटे कैसे रह जाते है, उन्हें अपने सपनो के नींद में खोने का चांस क्यो नही देते, रात में कई बार नींद खुल जाती है जैसे कई तरह की समस्याओं से ग्रसित लोग है। इनके पीछे कई कारण भी हो सकते है। कही आप नींद की बीमारियों से ग्रसित तोड़ी न हो गए?? रोजक जानकारी यह है कि सर्वे के अनुमान बताया गया है कि पूरे भारत में लगभग 94% लोग को पूरी तरह नींद नही आने की समस्या से परेसान है वही 57% लोगो को सही समय या रूटीन पर नींद नहीं आने की समस्या हो रही है।
नींद नहीं आने के कारण और समाधान
(Causes and solutions for not sleeping)
(Causes and solutions for not sleeping)
लोगो मे नींद नही आने के कई कारण हो सकते है जैसे मानसिक तनाव, अपने जीवन शैली की बुरी आदते जो आपके स्वस्थ नींद में बाधा उत्पन्न करती हैं। इन्हें अपने सामान्य स्थिति पर परिवर्तन करके दूर किया जा सकता है।
आइए जाने नींद नहीं आने के क्या कारण हो सकते हैं-
1) मानसिक अवसाद/तनाव
नींद नहीं आने की सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव चिंता या मानसिक अवसाद होते है। चिंता मन को तनावपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। इन समस्याओं के कारण मस्तिष्क सक्रिय नहीं होती। यह नकारात्मक प्रभाव स्वयं की जीवनशैली में बीते हुए घटनाओं से जुड़ी होती है। मानसिक तनाव मन को स्थायी नहीं रख पाते जिसके कारण नींद पूरी तरह नहीं होती।
नींद नहीं आने की सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव चिंता या मानसिक अवसाद होते है। चिंता मन को तनावपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। इन समस्याओं के कारण मस्तिष्क सक्रिय नहीं होती। यह नकारात्मक प्रभाव स्वयं की जीवनशैली में बीते हुए घटनाओं से जुड़ी होती है। मानसिक तनाव मन को स्थायी नहीं रख पाते जिसके कारण नींद पूरी तरह नहीं होती।
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Stress |
2) कैफीन और शराब का प्रयोग-
अक्सर देखा जाता है कि लोग अपने खाने के बाद कॉफी चाय पीने की रूटीन बना लिया है। आपको बता दे कि इसमें कैफीन नामक उत्तेजक पदार्थ होते होते है। कैफीन नींद का दुश्मन होते है। जो नींद आने की जगह दूर कर देते है। शराब निकोटिन और अधिक खाना भी नींद नहीं आने के कारण हो सकते है। इश्लिये खाने के बाद इन सब चीजो के सेवन से परहेज करना ही बेहतर साबित होगा।
अक्सर देखा जाता है कि लोग अपने खाने के बाद कॉफी चाय पीने की रूटीन बना लिया है। आपको बता दे कि इसमें कैफीन नामक उत्तेजक पदार्थ होते होते है। कैफीन नींद का दुश्मन होते है। जो नींद आने की जगह दूर कर देते है। शराब निकोटिन और अधिक खाना भी नींद नहीं आने के कारण हो सकते है। इश्लिये खाने के बाद इन सब चीजो के सेवन से परहेज करना ही बेहतर साबित होगा।
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Use to wine |
3) सोने की ख़राब आदतें-
आजकल युवाओं में सोने की आदत अधिक देखे जा रहे है। ऐसे खराब आदत बनाये हुए है कि सोने का समय ही अनियमित है, लोग दिन में सोते है और रात को जगते है। जो प्रकृति की विपरीत कार्य करता है। इनसे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
आजकल युवाओं में सोने की आदत अधिक देखे जा रहे है। ऐसे खराब आदत बनाये हुए है कि सोने का समय ही अनियमित है, लोग दिन में सोते है और रात को जगते है। जो प्रकृति की विपरीत कार्य करता है। इनसे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
4) मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर का प्रयोग
नींद लेना बॉडी को रैलिक्स करता है। लेकिन वर्तमान स्थिति ऐसा है की लोग मोबाइल बिना रह ही नही सकता, इसके वीडियो, पब-जी और व्हाट्सएप्प चलाये बिना रात के 3 बजे तक नींद ही नही आती। ऐसे भी लोग है जो खाना, सोना, पढ़ना, तक छोड़कर मोबाइल गेम्स, कंप्यूटर ओर टीवी पर घण्टो देर तक बने रहते है। यह चीजे उत्तेजक पदार्थों जैसे कार्य करते है और नींद नही आने का कार्य करते है। रोजक बात यह है कि इनके स्क्रीन से मस्तिष्क प्रभावित होते है और नींद आने की क्रिया करने वाले तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते है जिससे नींद नहीं आती।
नींद लेना बॉडी को रैलिक्स करता है। लेकिन वर्तमान स्थिति ऐसा है की लोग मोबाइल बिना रह ही नही सकता, इसके वीडियो, पब-जी और व्हाट्सएप्प चलाये बिना रात के 3 बजे तक नींद ही नही आती। ऐसे भी लोग है जो खाना, सोना, पढ़ना, तक छोड़कर मोबाइल गेम्स, कंप्यूटर ओर टीवी पर घण्टो देर तक बने रहते है। यह चीजे उत्तेजक पदार्थों जैसे कार्य करते है और नींद नही आने का कार्य करते है। रोजक बात यह है कि इनके स्क्रीन से मस्तिष्क प्रभावित होते है और नींद आने की क्रिया करने वाले तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते है जिससे नींद नहीं आती।
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Mobile usage over night |
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5) सोने कि गलत समय-सारणी
वर्तमान दुनिया मे लोग ऐसे भीड़ वाले जगह पर खो गए है जहां सिर्फ काम और दिन भर बिजी रहने के सिवाय कुछ नही सूझता। इनका कार्य पूरे घड़ी की समय बीतने वाले काँटो की तरह काम करता है जो 24 घण्टे गोल घूम रही है।इन सब परिस्थितियों के कारण लोग सोना ही भूल जाते है एक निश्चित समय का निर्धारण ही नही कर पाता। जिसके कारण नींद की समस्या उत्पन्न जाती है इस अधूरे नींद में पूरे शरीर की चयापचय और शरीर के तापमान का मार्गदर्शन प्रभावित रहती है। अच्छी नींद और स्वस्थ जीवनशैली के लिए सही समय सारणी का होना बहुत ही आवश्यक है।
वर्तमान दुनिया मे लोग ऐसे भीड़ वाले जगह पर खो गए है जहां सिर्फ काम और दिन भर बिजी रहने के सिवाय कुछ नही सूझता। इनका कार्य पूरे घड़ी की समय बीतने वाले काँटो की तरह काम करता है जो 24 घण्टे गोल घूम रही है।इन सब परिस्थितियों के कारण लोग सोना ही भूल जाते है एक निश्चित समय का निर्धारण ही नही कर पाता। जिसके कारण नींद की समस्या उत्पन्न जाती है इस अधूरे नींद में पूरे शरीर की चयापचय और शरीर के तापमान का मार्गदर्शन प्रभावित रहती है। अच्छी नींद और स्वस्थ जीवनशैली के लिए सही समय सारणी का होना बहुत ही आवश्यक है।
आप इस पेज में नींद नहीं आने के कारण और समाधान पढ़ रहे है(Causes and solutions for not sleeping)-
6) बढ़ती उम्र की वजह से
बढ़ती उम्र कच्ची नींद को बढ़ावा देता है। इनके दो कार्यकाल होते है पहला वह जब आप छोटे बच्चे थे और अभी जब आप 50-60 साल के बीच है। इन दोनों परिस्थितियों में कच्ची नींद या बार बार जगना आदि का होना स्वाभाविक बात होती है अगर आप इस परेसानी से जूझ रहे है तो आपको तनाव लेने की कोई जरूरत नही आप नियमित स्वस्थ हो सकते है जब आप सामान्य तौर पर अच्छी नींद लेना स्टार्ट कर दे।
बढ़ती उम्र कच्ची नींद को बढ़ावा देता है। इनके दो कार्यकाल होते है पहला वह जब आप छोटे बच्चे थे और अभी जब आप 50-60 साल के बीच है। इन दोनों परिस्थितियों में कच्ची नींद या बार बार जगना आदि का होना स्वाभाविक बात होती है अगर आप इस परेसानी से जूझ रहे है तो आपको तनाव लेने की कोई जरूरत नही आप नियमित स्वस्थ हो सकते है जब आप सामान्य तौर पर अच्छी नींद लेना स्टार्ट कर दे।
7) रिश्तों में कड़वाहट
परिवारिक समस्याएं, कष्ट, तनाव, प्रेम मतभेद आदि कारण भी सही नींद नही हो पाता। लोग दिनरात अपने ही कारणों पर मानसिक तनाव लिए बैठे रहते है। एक सफल और स्वस्थ लाइफ में परिवारिक आनंद, प्रेम का होना बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। लेकिन वर्तमान जीवन को देखते हुए लगता है कि इस ख़ुसी में केवल बाहरी प्रेम जुड़ी हुई है। लोग अपने ही परिवार, और प्रेम सम्बन्धी रिस्तो में आस्तीन का साँप बने हुए है। इन रिस्तो में कडुवाहट धीमे जहर का कार्य करता है। एक खुशनुमा परिवारिक जीवन व्यतीत करना टॉनिक की तरह कार्य करता है लेकिन आपसी भेदभाव रिस्तो में धीमे जहर का कार्य करता है। रिश्तों में मधुरता बनाये रखने के लिए एक अच्छी परिवार का होना आवश्यक है। जो आपके नींद और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
परिवारिक समस्याएं, कष्ट, तनाव, प्रेम मतभेद आदि कारण भी सही नींद नही हो पाता। लोग दिनरात अपने ही कारणों पर मानसिक तनाव लिए बैठे रहते है। एक सफल और स्वस्थ लाइफ में परिवारिक आनंद, प्रेम का होना बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। लेकिन वर्तमान जीवन को देखते हुए लगता है कि इस ख़ुसी में केवल बाहरी प्रेम जुड़ी हुई है। लोग अपने ही परिवार, और प्रेम सम्बन्धी रिस्तो में आस्तीन का साँप बने हुए है। इन रिस्तो में कडुवाहट धीमे जहर का कार्य करता है। एक खुशनुमा परिवारिक जीवन व्यतीत करना टॉनिक की तरह कार्य करता है लेकिन आपसी भेदभाव रिस्तो में धीमे जहर का कार्य करता है। रिश्तों में मधुरता बनाये रखने के लिए एक अच्छी परिवार का होना आवश्यक है। जो आपके नींद और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
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Family problem |
8) रात्रि में अधिक मात्रा में भोजन करना-
रात्रि में लोग कम या हल्का खाने के बजाय बहुत अधिक खा लेते है जो बॉडी को असहज महसूस जरूर कराता है। इससे स्वास देने में दिक्कत, सीने में दर्द, और भोजन का बैकफ़्लो की समस्या होने लगती है। जो नींद में बार बार जगने को मजबूर करता है। जिससे नींद सही तरह नही हो पाती। इससे अनपचन की समस्या हो सकती है।
रात्रि में लोग कम या हल्का खाने के बजाय बहुत अधिक खा लेते है जो बॉडी को असहज महसूस जरूर कराता है। इससे स्वास देने में दिक्कत, सीने में दर्द, और भोजन का बैकफ़्लो की समस्या होने लगती है। जो नींद में बार बार जगने को मजबूर करता है। जिससे नींद सही तरह नही हो पाती। इससे अनपचन की समस्या हो सकती है।
9) बॉडी में दर्द या बीमारी
कई बार शरीर के किसी हिस्से में चोट या बीमारी में दर्द के कारण आप रात्रि में कई बार जग जाते होंगे। यह बॉडी में असहनीय दर्द के कारण हो सकते है। सर्दी-जुकाम, बुखार जैसे सामान्य बीमारी पर भी आपका मन विचलित हो जाते होंगे और नींद सही ढंग से नही हो पाता। इश्लिये इस शारीरिक दर्द होने की स्थिति में आप असुविधा महसूस कर सकते है।
कई बार शरीर के किसी हिस्से में चोट या बीमारी में दर्द के कारण आप रात्रि में कई बार जग जाते होंगे। यह बॉडी में असहनीय दर्द के कारण हो सकते है। सर्दी-जुकाम, बुखार जैसे सामान्य बीमारी पर भी आपका मन विचलित हो जाते होंगे और नींद सही ढंग से नही हो पाता। इश्लिये इस शारीरिक दर्द होने की स्थिति में आप असुविधा महसूस कर सकते है।
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10) मेडिसिन/ दवाओं के प्रयोग
आजकल कई तरह की दवाएं आ गयी है जिनमे कैफीन या उत्तेजक चीजे मिली होती है जो आपकी नींद को बाधित कर सकता है। इन दवाओं में जुकाम, एलर्जी, पेनकिलर, BP की दवाएं, शामिल होते है जो आपके निर्धारित नींद की समस्याओं पर हस्तक्षेप कर सकता है।
आजकल कई तरह की दवाएं आ गयी है जिनमे कैफीन या उत्तेजक चीजे मिली होती है जो आपकी नींद को बाधित कर सकता है। इन दवाओं में जुकाम, एलर्जी, पेनकिलर, BP की दवाएं, शामिल होते है जो आपके निर्धारित नींद की समस्याओं पर हस्तक्षेप कर सकता है।
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Medicine |
नींद न आने के समाधान(Solutions to sleeplessness)
1) एक सही और निश्चित समय सारणी का निर्धारण करके आप अपनी पर्याप्त नींद ले सकते है।
2) दवाओं का उपयोग चिकिस्तक के सलाह से ही करें।
3) नशीले चीजो जैसे निकोटिन, शराब उतेजक पदार्थों के सेवन से दूर रहे।
4) शाम को सोने से पहले अधिक भोजन न करें हल्का भोजन अच्छी नींद को बढ़ाता है।
5) कैफीन युक्त पदार्थो चाय, काफी से परहेज करना चाहिए इनके स्थान पर हर्बल चाय तोड़ी मात्रा में लेना चाहिए।
6) अच्छी नींद के लिए अपना बेड आराम दायक और डेकोरेट सुगंधित होम चाहिए।
7) सोने से पहले किताबे पढ़ना या धीमी आवाज में संगीत सुनना नींद को बढ़ावा देता है।
8) मोबाइल, कंप्यूटर आदि का अधिक प्रयोग आंखों के साथ नींद को भी प्रभावित करता है इश्लिये निश्चित समय तक ही इनका प्रयोग लाभदायक होते है।
9) मानसिक तनाव और चिंता को छोड़कर आनंद की दुनिया मे खोकर आप अपनी अच्छी स्वास्थ्य के लिए पूरी नींद को पा सकते है।
10) सोने से पहले दूध, केला आदि का सेवन करने से अच्छी नींद आती है।
11) योग से अनिद्रा की गुणवत्ता को दूर किया जा सकता है।
नोट- इस पेज में हमने आपके लिए केवल सुझाव मात्र के कुछ जानकारी दिए है। हम आपको कोई दवाई रिकमंडेशन नही किये। इनका एक कारण है कि यह दवाई कुछ दिनों मात्र सेवन के लिए उपयुक्त होते है इनके ज्यादा उपयोग मात्र से स्वास्थ्य पर बुरा असर पढ़ सकता है। नींद से आपको ख़बराने की बात नही है सिर्फ आप स्वयं की जीवनशैली में कुछ परिवर्तनों और बदलाव करके इन समस्याओं से दूर हो सकते है इश्लिये आप अपने परिवार के साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करें। अपने घर मे ही रहकर इस दुनिया की प्रकृती सौंदर्य, मनोरंजन, दोस्तो से बातें और मिलकर इस आनन्द को सहज ही पा सकते है। स्ट्रेस तनाव लेने से केवल आपको परेसानी उठानी पड़ सकती है।
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